वो मीन ही क्या जो तैर ना पाए ,
वो पंछी ही क्या जो उंचाई से घबराए ,
वो मंज़िल ही क्या जो आसानी से हाथ आ जाए ,
वो वक़्त ही क्या जो थम जाए,
वो प्यार ही क्या जो हर पल याद ना आए,
वो बात ही क्या जो दिल को छू ना पाए,
वो तन्हाई ही क्या जो ना सताए ,
वो कहानी ही क्या जो ख़त्म हो जाए ,
वो बादल ही क्या जो सूरज को छुपा ना पाए ,
वो लहर ही क्या जो तुम्हे हिला ना पाए,
वो लहर ही क्या जो छूकर भी छू ना पाए ,
वो गीत ही क्या जो दिल ना गुनगुनाये
जीत ही क्या जो यूँही आ जाए ,
वो मीत ही क्या जो साथ ना निभाए,
वो खुदा ही क्या जो नज़र आए ,
वो प्रलह ही क्या जो दिल ना देह्लाये,
वो जिद्द ही क्या जो पूरी ना हो पाए,
वो नशा ही क्या जो उतर जाए ,
वो जूनून ही क्या जो सब कुछ ना भुल्वाये ,
वो लम्हा ही क्या जो जीना ना सिखाये ,
वो बात की बात ही क्या जो कोई कह ना पाए,
वो नज़दीकी ही क्या जो दूरी बन जाए,
वो दर्द ही क्या जो ना तडपाये,
वो मंज़िल ही क्या जो ना तरसाए,
नज़र ही क्या जो खूबसूरती ना पहचान पाए,
वो दिल ही क्या जिसे कोई चुरा ना पाए,
वो पढाई ही क्या जो किसी की ना याद दिलाये,
वो पढाई ही क्या जो ना रुलाये ,
वो पढाई ही क्या जिसमे मन लग जाए,
वो याद ही क्या जो ना हँसाये,
वो याद ही क्या जो ना रुलाये ,
वो याद ही क्या जो दिल से ना आए,
वो इंसान ही क्या जो ना मुस्कुराए
वो इंसान ही क्या जो किसी को ख़ुशी ना दे पाए
वो इंसान ही क्या जो खुद से जीत ना पाए
वो इंसान ही क्या जो खुद से लड़ता जाए
वो इंसान ही क्या जो जीने से कतराए
वो इंसान ही क्या जो खुल के जी ना पाए
वो इंसान ही क्या जो जीवन से घबराए
वो इंसान ही क्या ,वो इंसान ही क्या ??
really hardthaught....gr8 work, keep up
ReplyDeletethnks
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